चुनाव आयोग से पारदर्शी जांच की मांग
जो इंडिया / मुंबई: (Devendra Fadnavis reaction on Sharad Pawar)
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने हाल ही में एक सनसनीखेज़ दावा किया कि विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें और राहुल गांधी को दो अज्ञात व्यक्तियों ने मुलाकात कर 160 विधानसभा सीटों में जीत की गारंटी देने का प्रस्ताव दिया था। पवार ने बताया कि उन्होंने और राहुल गांधी ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि “लोकतंत्र में मतदाताओं का फैसला ही अंतिम होता है, न कि किसी सौदेबाज़ी का।”
यह बयान सामने आते ही विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों में राजनीतिक तापमान बढ़ गया। पवार ने इसे राहुल गांधी के “वोट चोरी” आरोप का समर्थन करते हुए चुनाव आयोग से जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और लोकतंत्र की रक्षा के लिए इस पर पारदर्शी जांच होनी चाहिए।
इस दावे पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तीखी प्रतिक्रिया दी। फडणवीस ने पवार की टिप्पणी को “सलिम-जावेद की स्क्रिप्ट” करार देते हुए कहा कि यह सिर्फ एक कल्पना है। उन्होंने सवाल उठाया,
> “अगर यह इतनी गंभीर बात थी, तो पवार साहब ने चुनाव के वक्त इसकी जानकारी चुनाव आयोग या पुलिस को क्यों नहीं दी? क्या उन्होंने पहले खुद ऐसे वोट-रिगिंग के तरीकों का इस्तेमाल किया?”
फडणवीस ने यह भी कहा कि अचानक राहुल गांधी से मुलाकात के बाद इस तरह की कहानियां सामने आना राजनीति में एक नया नाटक रचने जैसा है। उन्होंने विपक्ष पर चुनावी माहौल बिगाड़ने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पवार का यह बयान आने वाले महीनों में महाराष्ट्र की चुनावी रणनीति पर असर डाल सकता है, वहीं फडणवीस का पलटवार सत्ता पक्ष की आक्रामक राजनीतिक शैली को दर्शाता है। अब सबकी नज़र इस मामले में चुनाव आयोग की संभावित प्रतिक्रिया पर है।