कृत्रिम तालाब और कंटेनरों में जमा गंदा पानी बना मच्छरों का अड्डा, डेंगू–मलेरिया का खतरा बढ़ा”
जो इंडिया/ठाणे : (Dengue Malaria Mosquito Breeding)
ठाणे शहर में डेंगू और मलेरिया (Dengue and malaria in Thane city) के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में नागरिकों की चिंता और बढ़ाने वाला एक नया संकट सामने आया है। नगर निगम ने इस बार गणेशोत्सव के दौरान ‘पर्यावरण–पूरक विसर्जन’ के नाम पर जगह–जगह कृत्रिम तालाब और लोहे के कंटेनर तैयार किए थे। लेकिन अब यही तालाब और कंटेनर शहरवासियों के लिए बीमारी का बड़ा खतरा बन गए हैं।

गणेश विसर्जन के बाद इन तालाबों और कंटेनरों में पानी जमा रह गया। कई जगहों पर पानी न सिर्फ गंदा हो गया है, बल्कि उसमें मच्छरों की पैदाइश भी शुरू हो गई है। नागरिकों का कहना है कि पहले से ही डेंगू और मलेरिया ने ठाणेकरों का जीना मुश्किल कर रखा है और अब इस ‘पर्यावरण–पूरक प्रयोग’ ने स्वास्थ्य संकट को और बढ़ा दिया है।
नागरिकों का आरोप
शहरवासियों का आरोप है कि नगर निगम ने विसर्जन की जिम्मेदारी पूरी होने के बाद तालाब और कंटेनरों को खाली कर सफाई करने की कोई व्यवस्था नहीं की। परिणामस्वरूप यह जगहें मच्छरों के अड्डों में बदल रही हैं।
“पर्यावरण बचाने के नाम पर दिखावा किया जा रहा है, लेकिन नुकसान हमें ही उठाना पड़ रहा है,” ऐसा आरोप ठाणेकरों ने लगाया है।
विशेषज्ञों की चेतावनी
पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत सिनकर का कहना है,
“अगर वास्तव में प्रशासन को पर्यावरण–पूरक गणेशोत्सव करना है, तो केवल प्रतीकात्मक प्रयोग करने से कुछ हासिल नहीं होगा। जरूरत है कि इसे वैज्ञानिक और परिणामकारक तरीके से लागू किया जाए। वरना ‘पर्यावरण–पूरक’ के नाम पर नागरिकों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने का ठप्पा नगर निगम पर लगेगा।”
स्वास्थ्य संकट की आशंका
डेंगू और मलेरिया के मामलों में पहले ही वृद्धि हो रही है। ऐसे में इन कृत्रिम तालाबों और कंटेनरों में जमा पानी आने वाले दिनों में बीमारी के और बड़े विस्फोट का कारण बन सकता है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर तुरंत सफाई और सैनिटाइजेशन की कार्रवाई नहीं की गई तो हालात और बिगड़ सकते हैं।