मुंबई । कड़ाके की ठंड के बाद अब गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। इस चिलचिलाती गर्मी के बावजूद पिछले कई हफ्तों से हवा की गुणवत्ता ज्यादातर ‘खराब’ बनी हुई है। दूसरी तरफ मुंबई समेत राज्यभर में गर्मी अपने साथ बीमारियों की सुनामी भी लाया है। सरकारी और मनपा अस्पतालों की ओपीडी में 20-25 फीसदी मामलों में बढ़ोतरी हुई है। चिकित्सकों के मुताबिक शहर में निर्जलीकरण, उल्टी, दस्त, शरीर में दर्द, आंखों में जलन, पेशाब में जलन, चक्कर आने और थकान के मामलों में वृद्धि हुई है। इसके अलावा पेट और पैर में ऐंठन, सहन शक्ति की कमी, ठीक से नींद न आना, जी मिचलाना आदि स्वास्थ्य से संबंधित शिकायत मरीज कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से मुंबई और महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों का तापमान तेजी से बढ़ा है। इसको देखते हुए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की मुंबई शाखा ने हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। शनिवार को मुंबई का अधिकतम तापमान 32.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसे ध्यान में रखते हुए आईएमडी ने मुंबई और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में तपिश रहने का अलर्ट जारी किया है। मनपा अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि मरीज डिहाइड्रेशन, नाक बहने, गले में दर्द के कारण होनेवाली एलर्जी की शिकायत लेकर उनके पास पहुंच रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए चिकित्सक लोगों से दोपहर 12 से 3 बजे के बीच बाहर नहीं निकलने का आग्रह किया है। जेजे अस्पताल के सहायक प्रोफेसर डॉ. मधुकर गायकवाड़ ने कहा कि वायरल बुखार, सिरदर्द, गैस्ट्रोएंटेराइटिस और गले में खराश से पीड़ित रोगियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पिछले एक सप्ताह में ओपीडी में आनेवाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। ओपीडी में आने वाले 450 लोगों में से 100 से 150 लोगों ने बुखार, सिरदर्द और अन्य बीमारियों की शिकायत की। उन्होंने यह भी बताया कि तीन दिन से अधिक समय तक बुखार होने पर मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ रही है। डायरिया और सिर दर्द के मामलों की संख्या भी 20 से 30 फीसदी तक बढ़ी है, जबकि बुखार के मामलों में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
खूब पीएं पानी
पारा चढ़ने के कारण लोगों के शरीर में पानी कम हो जाता है, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसी स्थिति में वे वायरल बुखार और अन्य बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। डॉक्टरों ने भी नागरिकों से खूब पानी पीकर खुद को हाइड्रेट रखने जैसी सावधानियां बरतने का आग्रह किया है। इसके साथ ही डॉक्टरों ने कहा है कि हृदय रोग, रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित मरीज नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य मापदंडों की जांच कर रहें। उन्हें खूब पानी पीना चाहिए।
तापमान में बदलाव है बीमारियों के बढ़ने का कारण
संक्रामक रोग विशेषज्ञों ने भी तापमान में आए अचानक बदलाव को वायरल बीमारियों के बढ़ने का कारण बताया है। वायरल फीवर के लक्षण डेंगू, मलेरिया और स्वाइन फ्लू जैसे ही होते हैं। इसमें मरीज को तेज सिरदर्द, तेज बुखार, पेट में दर्द, शरीर में दर्द और उल्टी 48-72 घंटे से ज्यादा समय तक रहती है। सामान्य फ्लू की दवाएं इस बुखार से निपटने में अप्रभावी होती हैं। ऐसे में बिना देरी के लोगों को घरेलू नुस्खे से बचते हुए तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।