जो इंडिया / मुंबई:
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कई बार यात्री जल्दबाजी में उतरने के लिए, मोबाइल गिर जाने पर या बिना किसी आपात स्थिति के चेन खींच देते हैं, जिससे ट्रेनें बीच रास्ते में रुक जाती हैं। इस तरह की घटनाओं से ट्रेन ही नहीं, पूरे रूट की समयसारिणी प्रभावित होती है, जिससे हजारों यात्रियों को देरी और असुविधा झेलनी पड़ती है।
🔍 2025 बनाम 2024 तुलना:
2025 में 20 दिन की अवधि में 666 चेन पुलिंग मामले दर्ज
2024 में इसी अवधि में लगभग 400 के आसपास मामले थे
मतलब करीब 53% की वृद्धि
🛤️ मंडलवार आंकड़े:
मुंबई मंडल: 2025 में 57 मामले | 2024 में 41 मामले
भुसावल मंडल: 2025 में 26 | 2024 में 13
नागपुर मंडल: 2025 में 52 | 2024 में 28
इनमें से कई घटनाएं उपनगरीय ट्रेनों में हुईं, जिससे प्लेटफॉर्मों पर भीड़ बढ़ी और रोजाना यात्रा करने वाले लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी।
⚖️ कानूनी कार्रवाई और जुर्माना:
रेलवे अधिनियम की धारा 141 के अनुसार, बिना वजह चेन खींचना एक दंडनीय अपराध है। मरे ने इस अवधि में 463 यात्रियों पर कानूनी कार्रवाई की और ₹1.70 लाख का जुर्माना भी वसूला है।
📣 रेलवे की अपील:
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे:
समय से पहले स्टेशन पहुंचें
कम सामान रखें
बिना कारण चेन पुलिंग न करें