जो इंडिया / मुंबई।
सुबह 11 बजे से शुरू हुए इस आंदोलन में मजदूरों ने आजाद मैदान और रानी बाग के बीच सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी करते हुए मार्च निकाला। मजदूरों का आरोप है कि सरकार मुंबई में उनके आवास का सपना लगातार तोड़ रही है। मिल मजदूर संयुक्त लड़ाई समिति के अनुसार, मुंबई में करीब दो लाख मजदूरों और उनके परिवारों ने आवास योजना के लिए आवेदन किया था, लेकिन अब तक केवल 25,000 मजदूरों को ही घर मिल पाए हैं।
सरकार ने शेलु और वांगणी जैसी मुंबई के बाहर की जगहों पर डेढ़ लाख मजदूरों के लिए घर बनाने की योजना बनाई है। हालांकि, मजदूरों और यूनियनों का कहना है कि यह उनके साथ अन्याय है क्योंकि उनका जीवन और रोज़गार मुंबई में ही जुड़ा है। यूनियनों का यह भी आरोप है कि शेलु-वांगणी योजना मजदूरों को शहर से बाहर धकेलने का षड्यंत्र है।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने इस मोर्चे को अपना समर्थन दिया है। मजदूरों का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को जल्द स्वीकार नहीं किया तो आंदोलन और भी बड़ा किया जाएगा।
मिल मजदूर संघ के नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने मुंबई में ही मजदूरों के लिए किफायती घर सुनिश्चित नहीं किए, तो वे सड़क से विधानसभा तक संघर्ष जारी रखेंगे।
आज का मोर्चा एक शांतिपूर्ण धरना के रूप में आजाद मैदान में संपन्न हुआ, लेकिन मजदूरों ने साफ कर दिया है कि वे अपने हक के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।