जो इंडिया / मुंबई : दक्षिण मुंबई (South Mumbai) के व्यस्ततम और ऐतिहासिक स्थान मरीन ड्राइव पर स्थित अंबालाल पटेल फुटओवर ब्रिज (Ambalal Patel Footover Bridge on Marine Drive) का पुनर्निर्माण अब नई दिशा में बढ़ चुका है। यह कार्य मुंबई महानगरपालिका (मनपा) द्वारा नहीं, बल्कि झावेरीभाई तरजाभाई पटेल स्मारक ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। यह वही ट्रस्ट है जिसने 1953 में मूल रूप से इस पुल का निर्माण कराया था।
इस ब्रिज को 2023 में उसकी जर्जर स्थिति के कारण सुरक्षा के मद्देनज़र ध्वस्त कर दिया गया था। पुल की अनुपस्थिति से चर्नी रोड स्टेशन से मरीन ड्राइव, ओपेरा हाउस और गिरगांव चौपाटी की ओर आने-जाने वाले हज़ारों यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। अब, लंबे इंतजार के बाद इस ऐतिहासिक ब्रिज के पुनर्निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
99 साल का समझौता अब भी लागू
रिपोर्ट के अनुसार, मनपा और ट्रस्ट के बीच वर्ष 1953 में हुआ 99 वर्षों का समझौता आज भी मान्य है। इस समझौते के तहत ट्रस्ट को ब्रिज पर विज्ञापन लगाने की अनुमति प्राप्त थी, और उस विज्ञापन से होने वाली आय को सामाजिक एवं जनहितकारी कार्यों में लगाया जाता था। मनपा ने इसी समझौते को आधार बनाते हुए ट्रस्ट को पुनर्निर्माण की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा नया पुल
नया ब्रिज पूरी तरह से मनपा द्वारा तैयार की गई डिज़ाइन और तकनीकी योजना के अनुसार निर्मित किया जाएगा। इस डिज़ाइन में यात्रियों की सुविधा के लिए एस्केलेटर (स्वचालित सीढ़ियाँ), सुरक्षा कैमरे, और रात्रि रोशनी की विशेष व्यवस्था जैसी अत्याधुनिक सुविधाएँ शामिल होंगी। पुल का निर्माण कार्य पूर्णतः ट्रस्ट द्वारा प्रायोजित होगा और इसकी अनुमानित लागत लगभग ₹9.1 करोड़ आंकी गई है।
विरासत पर टकराव: हेरिटेज कमेटी की आपत्ति
हालाँकि ट्रस्ट को पुल पर विज्ञापन लगाने की पूर्व अनुमति रही है, परंतु वर्तमान में मनपा की हेरिटेज कमेटी ने इस पर आपत्ति जताई है। चूंकि मरीन ड्राइव क्षेत्र ‘युनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज’ की सूची में शामिल है और इसकी आर्किटेक्चरल विरासत को संजोकर रखने की आवश्यकता है, अतः कमेटी ने ट्रस्ट से कहा है कि विज्ञापन लगाने से पहले उन्हें एमओसी (Memorandum of Consent) प्राप्त करना होगा।
रेलवे ने शुरू किया पश्चिमी हिस्सा विकसित करना
चर्नी रोड स्टेशन से सटे इस ब्रिज का पश्चिमी हिस्सा भारतीय रेलवे के अंतर्गत आता है। रेलवे ने इस भाग में सीढ़ियों का निर्माण कार्य आरंभ कर दिया है, जिससे स्टेशन से सीधे मरीन ड्राइव की ओर आने-जाने वालों को राहत मिल सके।
सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग – कार्य में तेजी लाएं
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने मनपा व ट्रस्ट दोनों से अनुरोध किया है कि पुल के निर्माण कार्य में देरी न हो। “यह पुल केवल एक संरचना नहीं, बल्कि लाखों यात्रियों की रोजमर्रा की सुविधा, बच्चों की सुरक्षा और वरिष्ठ नागरिकों की राहत का माध्यम है,” ऐसा कहना है सामाजिक कार्यकर्ता सविता गायकवाड़ का। उन्होंने यह भी मांग की है कि निर्माण की समयसीमा सार्वजनिक की जाए और काम की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।