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एक लाख महिला शिक्षार्थियोंको सशक्त बनाएगा अपग्रैड फाउंडेशन

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75वें स्वतंत्रता दिवस पर ‘विद्या शक्ति चैंपियंस’ का शुभारंभ

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मुंबई । एशिया के उच्च एडटेक के फिलैनथ्रोपिक संस्था अपग्रैड फाउंडेशन ने अपनी विद्या शक्ति स्कॉलरशिप (वीएसएस) पहल की छत्रछाया में ‘विद्या शक्ति चैंपियंस’ (वीएससी) की शुरुआत की है। इस योजना के तहत फाउंडेशन अगले पांच साल में 1 लाख पहली पीढ़ी की महिलाओं की कुशलता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। यह एक अद्वितीय युवा-से-युवा सशक्तिकरण प्रोग्राम है जिसका उद्देश्य 20,000 युवा महिला कॉलेज छात्रों को चैंपियन के रूप में शामिल करना है जो अपने आसपास या क्षेत्रीय इलाकों से पहली पीढ़ी की महिला शिक्षार्थियों की पहचान करेंगे और उन्हें विद्या शक्ति स्कोलर के रूप में नामांकित करने में मदद करेंगे। ये चैंपियंस विद्या शक्ति स्कॉलर्स की पहचान करने, उन्हें ऑनबोर्ड लाने और सीखने के कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने में सहायक होंगे। सोशल इंटर्नशिप पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की हालिया सलाह के अनुरूप, यह पहल महिला छात्रों को छोटे पैमाने के सामाजिक प्रभाव कार्यक्रमों को सीखने और प्रबंधित करने में मदद करेगी, जो बदले में उन्हें बड़े सामाजिक परिवर्तन प्रक्रियाओं में भाग लेने के लिए तैयार करेगी। कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद चैंपियंस को प्रमाण पत्र मिलेगा।

अपग्रैड के कॉर्पोरेट मामले और सार्वजनिक नीति के प्रेसिडेंट डॉ संजय कुमार ने कहा, “हम कॉलेज जाने वाले मध्यवर्गीय छात्रों को उन महिला शिक्षार्थियों के साथ मिलकर काम करने की पेशकश करने के लिए एक अद्वितीय युवा-से-युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं, जो उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए अपने परिवार में सबसे पहले हैं।”

वर्ष 2022 की पहली छमाही में शुरू हुए, विद्या शक्ति छात्रवृत्ति कार्यक्रम में भारत के 70+ जिलों के 200 से अधिक वीएसएस शिक्षार्थी हैं, जिन्होंने लगभग 50 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्राप्त की है और वर्तमान में अपग्रैड और इसके विश्वविद्यालय भागीदारों के साथ प्रमाणन और स्नातकोत्तर कार्यक्रम कर रहे हैं। जबकि फाउंडेशन के पास कुछ राज्य सरकारों और सिविल सोसाइटी संगठनों सहित 15+ भागीदारों के साथ एक सक्रिय सहयोग है, यह सक्रिय रूप से अधिक राज्यों और केंद्र सरकार के विभागों, जमीनी संगठनों और सीएसआर के साथ सहयोग करने के अवसरों की खोज कर रहा है ताकि इसके संचालन को बढ़ाया जा सके।

डॉ. संजय कुमार ने कहा कि “अगर हम भारत को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था और वैश्विक पावरहाउस बनाने के सपने को हकीकत में बदलना चाहते हैं, तो हमारे कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी अधिक होनी चाहिए। हालाँकि, पारंपरिक शिक्षा प्रणाली के कारण ऐसी लाखों महिला शिक्षार्थियों को अपेक्षित उच्च शिक्षा या अवसर नहीं मिल रहे हैं, जो उन्हें व्यावहारिक नौकरी कौशल के साथ प्रशिक्षित कर सकते हैं। इसलिए, जैसा कि हम इस वर्ष भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष मना रहे हैं, अपग्रैड फाउंडेशन इस पहल के माध्यम से, 75 महिला चैंपियन के अपने पहले बैच को शुरु करने जा रहा है। विद्या शक्ति चैंपियंस विश्वविद्यालय की हजारों युवा महिला छात्रों को इस उल्लेखनीय पहल का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान कर रही है, जहां वे ऑन-बोर्डिंग से लेकर लर्निंग और एंड-टू-एंड प्लेसमेंट सपोर्ट तक पहली पीढ़ी की महिला शिक्षार्थियों को संभालेंगी।

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