Joindia
क्राइममुंबईहेल्थ शिक्षा

Child dies after cough syrup: मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत: बड़ा खुलासा, डॉक्टर निलंबित, जांच तेज

IMG 20251004 WA0013

जो इंडिया/मध्य प्रदेश/राजस्थान: (Child dies after cough syrup)

Advertisement

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की अचानक बिगड़ती तबीयत और मौतों ने पूरे प्रदेश को हिला दिया है। बीते कुछ हफ्तों में यहां लगभग 9 बच्चों की मौत दर्ज की गई है। इन बच्चों को शुरुआत में खांसी, जुकाम और बुखार जैसे सामान्य लक्षण थे, लेकिन बाद में उनकी हालत बिगड़ गई और गुर्दे फेल होने की स्थिति सामने आई। मृत बच्चों के परिवारों ने बताया कि उन्हें स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कफ सिरप पिलाया गया था।

सिरप पर संदेह, सैंपल जांच के लिए भेजे गए
स्वास्थ्य विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए संदिग्ध कफ सिरप के बैच जब्त कर लिए हैं और प्रयोगशाला जाँच के लिए भेजे हैं। शुरुआती लैब रिपोर्ट में कुछ सैंपलों में ज़हरीले तत्व (डाईएथिलीन ग्लाइकॉल/एथिलीन ग्लाइकॉल) नहीं पाए गए, लेकिन अन्य सैंपलों की रिपोर्ट का इंतजार है। डॉक्टरों का कहना है कि बायोप्सी रिपोर्ट से बच्चों के गुर्दे पर ज़हरीला असर दिख रहा है।

राजस्थान में भी मामला सामने आया
मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान के सीकर जिले से भी दो बच्चों की मौत की खबर आई। जांच में सामने आया कि उन्हें भी डीक्स्ट्रोमेटॉर्फन युक्त कफ सिरप दिया गया था। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने एक डॉक्टर और फार्मासिस्ट को निलंबित कर दिया। साथ ही संबंधित फार्मा कंपनी Kaysons Pharma के सभी उत्पाद बाजार से हटाने के आदेश दिए गए और ड्रग कंट्रोलर को भी निलंबित कर दिया गया।

केंद्र सरकार की सख्ती
मामले के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हरकत में आया। मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर कहा कि दो साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप न दिया जाए। 2–6 साल के बच्चों को भी यह दवा केवल डॉक्टर की सलाह पर ही दी जाए। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अधिकांश खांसी-जुकाम के मामलों में दवाओं की जरूरत नहीं होती, और अनावश्यक सिरप बच्चों के लिए घातक साबित हो सकता है।

स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई
छिंदवाड़ा प्रशासन ने संदिग्ध दवाओं की बिक्री और वितरण रोक दिया है। स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम गांव-गांव जाकर जांच कर रही है। जिन परिवारों में बच्चों की मौत हुई है, उनसे दवा की बोतलें सुरक्षित रखने को कहा गया है ताकि उनकी लैब जांच की जा सके।

जिम्मेदारी और सवाल
इस घटना ने दवा नियंत्रण प्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। आखिर कैसे ऐसी दवाएँ बाजार में पहुंचीं? क्या फार्मा कंपनियों ने मानक जांच पूरी की थी? और क्या स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने दवा वितरण की पर्याप्त निगरानी की थी? फिलहाल दोष तय करने के लिए विस्तृत जांच चल रही है।

माता-पिता के लिए चेतावनी
विशेषज्ञों ने माता-पिता को आगाह किया है कि बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी कफ सिरप या सर्दी-जुकाम की दवा न दें। अगर बच्चे में असामान्य लक्षण दिखें—जैसे लगातार उल्टी, पेशाब कम होना, सुस्ती या अचानक बुखार—तो तुरंत नज़दीकी अस्पताल से संपर्क करें।

Advertisement

Related posts

Poonam Dhillon love story: सुनील दत्त से शादी करने की इच्छा, सलमान खान पर क्रश; 63 साल की उम्र में भी सिंगल हैं पूनम ढिल्लन, जानें मिस यंग इंडिया से लेकर बॉलीवुड स्टार बनने तक का सफर

Deepak dubey

नवी मुंबई के सड़कों पर मुंबई का डेब्रीज,12 डंपर जब्त

Deepak dubey

देश में पहली बार: 81 साल की महिला की किडनी उसके 56 वर्षीय बेटे को लगाई गई, डॉक्टर्स ने पत्नी की जगह मां की किडनी को चुना

cradmin

Leave a Comment