जो इंडिया / मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने हरित परिवहन को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक—‘अटल सेतु’
क्या बदला—फैसले के मुख्य बिंदु
तुरंत प्रभाव से छूट: अटल सेतु से गुजरने वाले इलेक्ट्रिक चार-पहिया निजी वाहन और बसों को टोल नहीं देना होगा। अधिकारियों ने पुष्टि की कि क्रियान्वयन शुक्रवार से शुरू हो रहा है।
नीति का आधार: यह कदम मई 2025 में स्वीकृत ‘महाराष्ट्र इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2025’ के अनुरूप है, जिसमें प्रमुख एक्सप्रेसवे/समुद्री लिंक पर ईवी के लिए टोल छूट का प्रावधान है।
अगला चरण: नीति के तहत मुंबई–पुणे एक्सप्रेसवे और समृद्धि महामार्ग सहित राज्य के अन्य प्रमुख मार्गों पर भी टोल छूट लागू करने की रूपरेखा है; विभागीय अधिसूचनाएँ क्रमशः जारी की जा रही हैं।
पृष्ठभूमि—नीति, अधिसूचनाएँ और अमल
राज्य सरकार ने मई 2025 में नई ईवी नीति के जरिए यातायात कर/रजिस्ट्रेशन फीस में राहत के साथ टोल माफी का रोडमैप तय किया था। आधिकारिक जीआर/नीति दस्तावेज़ में “राज्य के प्रमुख मार्गों—जैसे अटल सेतु—पर यात्री ईवी के लिए टोल छूट” का स्पष्ट उल्लेख है। आज की शुरुआत इसी नीति के क्रियान्वयन की अहम कड़ी है।
यात्रियों के लिए इसका अर्थ
खर्च में बचत: रोजाना अटल सेतु का उपयोग करने वाले ईवी मालिकों/परिवहन संचालकों की ट्रांजिट कॉस्ट घटेगी। प्रारंभिक चरण में सबसे अधिक लाभ ई-कार, ई-बस, ई-टैक्सी बेड़े को होने की उम्मीद है।
ग्रीन मोबिलिटी को प्रोत्साहन: सरकार का लक्ष्य 2030 तक नई रजिस्ट्रेशनों में 30% ईवी हिस्सेदारी तक पहुँचना है; टोल छूट इसी लक्ष्य को गति देगी।
कैसे मिलेगा लाभ—व्यावहारिक जानकारी
श्रेणियाँ: वर्तमान चरण में पैसेंजर ईवी (चार-पहिया) व बसें पात्र श्रेणी मानी गई हैं; अन्य श्रेणियों के लिए अलग अधिसूचना/चरणबद्ध अमल संभव है।
प्रमाणीकरण: टोल प्लाज़ा पर वाहन के ईवी रजिस्ट्रेशन/फास्टैग डेटा के आधार पर छूट लागू होगी; ऑपरेटरों को सिस्टम अपडेट/इंटिग्रेशन के निर्देश दिए गए हैं। (नीति के अनुरूप क्रियान्वयन का सामान्य तंत्र।)
भविष्य का विस्तार: सरकार ने संकेत दिया है कि राज्य राजमार्गों पर भी टोल छूट/आंशिक छूट लागू की जाएगी; विभागीय समन्वय चल रहा है।