जो इंडिया/मुंबई। (Ulhasnagar TDR scam)
उल्हासनगर महानगरपालिका क्षेत्र (Ulhasnagar Municipal Corporation Area) में सामने आए टीडीआर (Transferable Development Rights) घोटाले ने पूरे शहर की राजनीति और निर्माण जगत में भूचाल मचा दिया है। नगरविकास विभाग के प्रधान सचिव असीम गुप्ता ने इस गंभीर प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए उल्हासनगर मनपा अंतर्गत सभी विवादित निर्माण कार्यों की खरीदी-बिक्री और लेन-देन पर तत्काल रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है।
इसके साथ ही मनपा प्रशासन ने तीन बड़े निर्माण कार्यों को नोटिस जारी कर दिया है। इस कदम से न केवल बिल्डरों बल्कि कारोबारियों को भी तगड़ा झटका लगा है।
मंत्रालय में हुई अहम बैठक
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस घोटाले को लेकर गत दिनों मंत्रालय में बैठक आयोजित हुई। इसमें प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष बच्चू कडू, नगरविकास विभाग के प्रधान सचिव असीम गुप्ता और उल्हासनगर मनपा आयुक्त मनीषा अव्हाले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
बैठक के दौरान बच्चू कडू ने आरोप लगाया कि उल्हासनगर में लंबे समय से टीडीआर का दुरुपयोग हो रहा है और मनपा प्रशासन जानबूझकर आंख मूंदे बैठा है। इस पर प्रधान सचिव गुप्ता ने भी नाराजगी जताते हुए पूछा कि जब यह घोटाला सामने आया, तब मनपा क्या कर रही थी और समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
10 दिन में रिपोर्ट पेश करने का आदेश
प्रधान सचिव ने बैठक में निर्देश दिए कि इस मामले की पूरी जांच 10 दिनों के भीतर पूरी करके दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस घोटाले से जुड़े किसी भी निर्माण कार्य की अनुमति या खरीद-बिक्री आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।
मनपा की सख्ती, बिल्डरों को चेतावनी
मनपा ने बिल्डरों को भेजे गए नोटिस में कहा है कि आपके प्रोजेक्ट से जुड़ी संपत्ति की खरीद-बिक्री फिलहाल पूरी तरह से रोक दी गई है। नोटिस मिलने के बाद यदि किसी भी तरह की लेन-देन की कोशिश की गई तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कारोबारियों और बिल्डरों में हड़कंप
इस कार्रवाई से उल्हासनगर के रियल एस्टेट कारोबार में हड़कंप मच गया है। कई बिल्डरों ने निजी तौर पर नाराजगी जताई है, वहीं आम नागरिक इस कदम का स्वागत कर रहे हैं। शहर के राजनीतिक और व्यावसायिक हलकों में अब यह चर्चा का विषय बन गया है कि इस घोटाले की जड़ कितनी गहरी है और इसमें कितने बड़े नाम सामने आ सकते हैं।