जो इंडिया / मुंबई:
घटना के बाद जेल में हड़कंप मच गया और मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राज्य मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है। दोनों कैदियों की ओर से वकील शमशेर अंसारी ने आयोगों के समक्ष याचिका दाखिल कर स्वतंत्र जांच, दोषियों पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग की है।
शमील नाचन को अगस्त 2023 में एनआईए ने आईएसआईएस मॉड्यूल से कथित संबंध और आईईडी बनाने जैसी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था। इरफान लांडगे पुणे के 2012 जंगली महाराज रोड विस्फोट मामले में पहले से ही सजा काट रहा है। दोनों पर आरोप है कि इन्होंने ठाणे के पडघा गांव को ‘अल शाम’ नाम से एक स्वतंत्र क्षेत्र घोषित करने की कोशिश की थी।
शमील नाचन के पिता साकिब नाचन भी आईएसआईएस से संबंधों के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे, जहां हाल ही में ब्रेन स्ट्रोक के चलते उनकी मौत हो गई। इस पर शमील ने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अंतरिम ज़मानत मांगी थी, जिसे अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि आरोपी अपनी प्रार्थना कहीं से भी कर सकता है और उसे व्यक्तिगत रूप से कब्रिस्तान में उपस्थित होने की जरूरत नहीं। अदालत ने यह भी कहा कि शमील और उसके साथियों की कट्टरपंथी गतिविधियों से देश की संप्रभुता को खतरा पैदा हुआ था।
वकील अंसारी के मुताबिक हमले के बाद भी जेल प्रशासन ने शमील और इरफान को अलग बैरकों में डालकर प्रताड़ित किया। वकीलों ने आयोगों और अदालत से सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित करने, दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने और दोनों कैदियों को अलग बैरक में रखने की मांग की है।
उन्होंने जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर मांग की कि शमील और इरफान को खारघर पुलिस थाने में पेश कर प्राथमिकी दर्ज कराई जाए। वकीलों का कहना है कि दोनों कैदियों को हिरासत में लगातार हिंसा और जान का खतरा बना हुआ है।