जो इंडिया / मुंबई
शहर में मदिरापान की बढ़ती लत युवाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही है। 25 से 30 वर्ष की उम्र के युवाओं में अग्नाशय (Pancreas) संबंधी विकारों में तेजी से वृद्धि हो रही है। मुंबई के विभिन्न अस्पतालों की ओपीडी में रोजाना 2 से 3 मरीज इस बीमारी के इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार, समय पर बीमारी की पहचान और उपचार जरूरी है, अन्यथा यह समस्या अंग विफलता जैसी गंभीर जटिलताओं का रूप ले सकती है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
लीलावती अस्पताल के जनरल सर्जन डॉ. नरेंद्र निकम के अनुसार, अत्यधिक शराब सेवन, पित्ताशय की पथरी, उच्च वसायुक्त आहार और कुछ दवाओं का उपयोग अग्नाशय रोग का मुख्य कारण है। इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं:
✅ गंभीर पेट दर्द
✅ मतली और उल्टी
✅ बुखार और तेज दिल की धड़कन
✅ पाचन संबंधी समस्याएं
अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह मधुमेह, पोषण संबंधी कमियां और अग्नाशय को स्थायी क्षति पहुंचा सकता है।
सर्जरी की पड़ सकती है जरूरत
डॉ. निकम बताते हैं कि गंभीर मामलों में मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी होता है। कुछ मरीजों में क्षतिग्रस्त ऊतक को हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता भी हो सकती है। विशेषज्ञों की सलाह है कि युवाओं को शराब से बचना चाहिए, संतुलित आहार लेना चाहिए और शरीर को हाइड्रेट रखना चाहिए।
किन्हें अधिक खतरा?
जायनोवा शाल्बी अस्पताल के जनरल और लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. हेमंत पटेल के अनुसार, 25-30 वर्ष के युवाओं को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। अत्यधिक शराब के सेवन से अग्नाशय में सूजन और घाव हो सकते हैं, जिससे इंसुलिन उत्पादन बाधित होता है और मधुमेह, क्रोनिक अग्नाशयशोथ और अंग विफलता जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
कैसे करें बचाव?
✔ शराब का सेवन सीमित या पूरी तरह बंद करें
✔ संतुलित आहार लें और ज्यादा तले-भुने भोजन से बचें
✔ तनाव कम करें और नियमित व्यायाम करें
✔ शरीर को हाइड्रेट रखें और पर्याप्त पानी पिएं
मदिरापान के कारण युवाओं में अग्नाशयशोथ (Pancreatitis) के मामले बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर सतर्कता और जीवनशैली में सुधार इस गंभीर बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।