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Reserve Bank of India: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया दिवालिया होने के कगार पर, क्या देश की अर्थव्यवस्था संकट में है?

rbi plans to revamp currency management infrastructure to cater to future cash needs

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की वित्तीय स्थिति को लेकर चौंकाने वाली खबर सामने आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि रिजर्व बैंक दिवालियापन के कगार पर है। सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में RBI से ₹1.65 लाख करोड़ तक की रकम ली है, जिसके बाद RBI की रिजर्व राशि ₹30,000 करोड़ तक गिर गई है।

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सरकार ने क्या कदम उठाए?

रिजर्व बैंक से बड़ी राशि निकालने के कारण, बैंकों की स्थिति भी गंभीर हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि RBI से और रकम ली जाती है, तो देश के बैंकों को बड़ा संकट झेलना पड़ सकता है। इस मामले में, 2018 में उर्जित पटेल द्वारा सरकार के खिलाफ विरोध किए जाने और उनके बाद आए बदलावों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

रिजर्व बैंक के लाभांश पर विवाद

2018 में RBI के गवर्नर उर्जित पटेल ने सरकार के दबाव के बावजूद RBI से अधिक धन निकालने से मना कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सरकार ने बिमल जालान की अध्यक्षता में एक समिति बनाई, जिसने RBI से अतिरिक्त राशि निकालने का रास्ता खोला।

आर्थिक स्थिति पर खतरे की घंटी

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार ने RBI से ज्यादा पैसा लिया, तो इसका असर भारतीय बैंकिंग क्षेत्र पर पड़ेगा, जो पहले से कई संकटों का सामना कर रहा है। हाल ही में कुछ प्रमुख बैंकों जैसे येस बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक और DHFL ने गंभीर वित्तीय संकट का सामना किया है।

महंगाई और आरबीआई का जवाब

वर्तमान में महंगाई दर बढ़ने के बावजूद सरकार ने इस पर कोई गंभीर कदम नहीं उठाया है। खासकर RBI की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि सरकार के खिलाफ उनकी कोई कार्रवाई न होने से स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है।

मंत्री की प्रतिक्रिया

सरकार के एक प्रवक्ता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि RBI की स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि RBI की वित्तीय स्थिति खतरनाक मोड़ पर है।

अर्थशास्त्रियों की चिंता

कई प्रमुख अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अगर इस दिशा में बदलाव नहीं हुआ, तो भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि वे RBI और बैंकिंग क्षेत्र को बचाने के लिए तत्काल कदम उठाएं।

 

 

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