नवी मुंबई | अखिल विश्व गायत्री परिवार(All World Gayatri Family)द्वारा आयोजित मुंबई अश्वमेध महायज्ञ (Ashwamedha Mahayagya)खारघर के कॉर्पोरेट पार्क में होना है। इसकी तैयारी पर चर्चा हेतु मुंबई अश्वमेध महायज्ञ के प्रभारी शरद पारधी द्वारा प्रांतीय मीटिंग ली गयी। जिसमें मुंबई व विभिन्न राज्यों से आये गायत्री परिवार के स्वयंसेवी कार्यकर्ता उपस्थित रहे। अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आयोजित मुंबई अश्वमेध महायज्ञ, खारघर, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर एवं मुंबई अश्वमेध महायज्ञ के प्रभारी शरद पारधी ने बताया कि महायज्ञ का प्रारंभ कलश यात्रा से होगा। कलश यात्रा शेगांव से होगा और मुंबई के प्रमुख प्रमुख स्थानों से होकर यज्ञ भूमि खारघर में पहुंचेगी। यज्ञशाला में १००८ कुंड का होगा। प्रत्येक यज्ञ कुंड में १० में लोग बैठेंगे। एक साथ १० हजार लोग यज्ञ कर सकेंगे और इतने ही लोग परिक्रमा करते रहेंगे। इसके अलावा कई हजार श्रद्धालु प्रतीक्षा हॉल में बैठेंगे। इस प्रकार ५० हजार लोगों का जनसमुदाय केवल यज्ञशाला क्षेत्र में होगा। इस संबंध में उच्च प्रशिक्षित इंजीनियर की देखरेख में तैयारी प्रारंभ हो चुकी है।
Advertisement
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही देवात्मा हिमालय, पुस्तक प्रदर्शनी, विचार मंच और भोजनालय के निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है। भोजनालय में ५० हजार व्यक्तियो के लिए दिन में तथा शाम के लिए एक साथ भोजन करने की व्यवस्था होगी। अभी तक हमने कार्यक्रम में आने वालों के लिए ४०० आवासीय टेंटो का निर्माण पूरा हो चुका है। इस समय ४०० से अधिक स्वयं सेवक नल नील की भांति समयदान के लिए पहुंच चुके है। स्वयंसेवकों के सभी आवश्यक संसाधन की तैयारी पूर्ण हो चुकी है।
गायत्री परिवार मंबई प्रमुख श्री मनुभाई ने गायत्री परिवार के लोगो से अपील की, कि वो सभी इस अश्वमेध यज्ञ के लिए भगवान श्रीराम के रीछ वानर की भांति इस युग के श्रीराम के कार्यो के लिए समयदान अवश्य करे, क्योंकि इस यज्ञ में जो भी समयदान करेगा, वह महाकाल के विश्व जागरण के फल का भागीदार होगा। हमारे आराध्य युगऋषि पं0 श्रीराम शर्मा आचार्य के अनुसार समयदान सभी दानो में श्रेष्ठ है। श्री मनुभाई ने कहा कि यह अवसर भारतवर्ष के इतिहास में दर्ज होगा कि भगवान श्री राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के ठीक बाद अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आयोजित अश्वमेध महायज्ञ का आयोजन का अवसर महाराष्ट्र प्रदेश को मिला है जिसका उद्देश्य मनुष्य मात्र में देवत्व को जगाना है। हमें अपने परिवार, समाज, देश और विश्व कल्याण के लिए एक संकल्प लेना है और भारत वर्ष को एक समृद्धिशाली देश के साथ साथ सभी लोगो में प्रेम और आपसी भाई चारा का सन्देश देना है। इस मीटिंग में अखिल विश्व गायत्री परिवार के ३००० हजार लोग उपस्थित हुए।
Advertisement