जो इंडिया / नई दिल्ली: नासा और स्पेसएक्स के संयुक्त मिशन (NASA-SpaceX Joint Mission) के तहत दो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर और सुनी विलियम्स महीनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में रहने के बाद सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौट आए। यह मिशन पहले केवल 10 दिनों का था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण यह अवधि कई महीनों तक बढ़ गई।
स्पेसएक्स ने किया सफल रेस्क्यू
नासा ( NASA) के अनुसार, बोइंग के स्टारलाइनर यान में आई तकनीकी समस्याओं के कारण दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को लंबे समय तक ISS में रहना पड़ा। अंततः, स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल की मदद से उनकी सुरक्षित वापसी संभव हो सकी।
नासा के अधिकारी जोएल मोंटालबानो ने इस मिशन की सफलता पर खुशी जताते हुए कहा, “यह नासा और हमारे कमर्शियल पार्टनर्स के मजबूत सहयोग का उदाहरण है। स्पेसएक्स एक बेहतरीन पार्टनर साबित हुआ है”
मिशन में देरी का कारण क्या था?
बुच विलमोर और सुनी विलियम्स 6 जून, 2024 को ISS पहुंचे थे और उन्हें 10 दिनों के अंदर वापस लौटना था। लेकिन बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल में तकनीकी समस्याएं सामने आने के बाद नासा और बोइंग ने यान को सितंबर में खाली लौटाने का फैसला किया और दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को ISS पर ही नए क्रू मेंबर के रूप में शामिल कर लिया गया।
क्या इस मिशन पर राजनीति हावी रही?
इस मिशन को लेकर राजनीतिक बहस भी छिड़ी रही। एलन मस्क और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे “अंतरिक्ष यात्रियों का बचाव अभियान” बताया और दावा किया कि ट्रंप प्रशासन ने इस मिशन को प्राथमिकता दी। हालांकि, नासा के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उनका एकमात्र लक्ष्य मिशन को सुरक्षित और सफलतापूर्वक पूरा करना था।
मनोवैज्ञानिक अध्ययन भी होंगे
नासा ने कहा है कि विलमोर और विलियम्स पर मनोवैज्ञानिक अध्ययन किए जाएंगे ताकि यह समझा जा सके कि लंबी और अनिश्चित अंतरिक्ष यात्रा का मानसिक और शारीरिक प्रभाव क्या रहा। यह अध्ययन भविष्य में चंद्रमा और मंगल जैसे कठोर मिशनों के लिए तैयारी में मदद करेगा।
भविष्य में Boeing और SpaceX दोनों जरूरी
नासा के अधिकारियों ने इस मिशन के दौरान बोइंग की समस्याओं को स्वीकार किया, लेकिन बोइंग और स्पेसएक्स दोनों को भविष्य के मिशनों के लिए आवश्यक बताया। नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने कहा, “आज स्पेसएक्स ने हमारी मदद की, लेकिन भविष्य में हमें स्टारलाइनर पर भी निर्भर रहना होगा।”
इस मिशन ने एक बार फिर साबित किया कि अंतरिक्ष यात्राएं अनिश्चितताओं से भरी होती हैं और तकनीकी समस्याएं कभी भी आ सकती हैं। हालांकि, नासा, स्पेसएक्स और बोइंग जैसे साझेदारों के सहयोग से अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।