मुंबई। दूध में मिलावट करने वालों के खिलाफ अब केवल जुर्माना ही नहीं, बल्कि उनके लाइसेंस भी रद्द किए जाएंगे। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) मंत्री नरहरि झिरवाल (Food and Drugs Administration (FDA) Minister Narhari Jhirwal) के नेतृत्व में मिलावटखोरी के खिलाफ सख्त अभियान छेड़ा गया है।
राज्यव्यापी जांच अभियान
15 जनवरी 2025 को राज्यभर में दूध उत्पादकों, वितरकों, विक्रेताओं और सड़क किनारे दूध बेचने वालों पर जांच अभियान चलाया गया। इस दौरान—
✔ 698 पैक्ड दूध के नमूने
✔ 397 खुले दूध के नमूने
✔ कुल 1095 दूध और डेयरी उत्पादों के नमूने लिए गए।
इनमें से 133 नमूने घटिया पाए गए। संबंधित अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।
अब सिर्फ जुर्माना नहीं, लाइसेंस भी होगा रद्द
एफडीए की समीक्षा में पाया गया कि सिर्फ आर्थिक दंड से मिलावटखोरी नहीं रुक रही है। इसलिए अब—
✅ दोषी प्रतिष्ठानों का लाइसेंस निलंबित या रद्द किया जाएगा।
✅ नियमित रूप से दूध के नमूनों की गहन जांच की जाएगी।
✅ मिलावटखोरी रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
✅ लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी।
मंत्री झिरवाल का कड़ा रुख
मंत्री नरहरि झिरवाल खुद इस अभियान की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि—
> “नागरिकों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। एफडीए पूरी मुस्तैदी से कार्रवाई करेगा।”
जनता को मिलेगा शुद्ध दूध
इस अभियान के बाद उम्मीद की जा रही है कि दूध में मिलावट की समस्या पर लगाम लगेगी और नागरिकों को शुद्ध दूध उपलब्ध होगा। आगामी दिनों में यह अभियान और तेज होने की संभावना है।