जो इंडिया / मुंबई: पुणे जिले में इंद्रायणी नदी (Indrayani River in Pune district
उल्लेखनीय है कि यह हादसा 15 जून को हुआ था जब भारी बारिश के चलते पुल का लोहे का हिस्सा अचानक टूट गया और कई पर्यटक उसमें गिर पड़े। चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए। कुछ लोगों के बह जाने की भी आशंका जताई गई थी। ग्राम पंचायत ने पहले ही इस पुल को ‘खतरनाक’ घोषित किया था और वहां चेतावनी बोर्ड भी लगाया गया था।
मंत्री भोसले ने जानकारी दी कि पुल को गिराकर नया पुल बनाने के लिए आठ करोड़ रुपए पहले ही मंजूर किए जा चुके थे, लेकिन स्थानीय मांगों और योजनाओं में फेरबदल की वजह से निर्माण कार्य में देरी हुई। गांव वालों की ओर से दोनों ओर फुटपाथ की मांग की गई थी, जिससे प्रक्रिया लंबी हो गई।
अब राज्य सरकार ने सचिव स्तर की त्रिसदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है, जिसे 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार की जमकर घेराबंदी की। शिवसेना विधायक सुनील शिंदे, सचिन अहिर, प्रवीण दरेकर और भाई जगताप ने दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। वहीं, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने स्पष्ट रूप से कहा कि पहले संबंधित अधिकारियों पर गैर इरादतन हत्या (आईपीसी धारा 304) के तहत मामला दर्ज किया जाए और बाद में जांच हो।
अनिल परब ने कहा कि जैसे किसी हत्या के मामले में सबसे पहले केस दर्ज किया जाता है, वैसे ही इस मामले में भी बिना समय गंवाए FIR होनी चाहिए।