नवी मुंबई। विगत अनेक वर्षाें से न्यायालय द्वारा आदेश दिए जाने पर भी अफजलखान की कब्र के आस-पास का अवैध निर्माण गिराया नहीं गया । इस स्थान पर अनेक हिन्दुत्वनिष्ठों एवं शिवप्रेमियोंने विभिन्न आंदोलन किए, प्रसंगवश शिवप्रेमियों ने लाठियां झेलीं, कारावास भी भोगा; परंतु तब भी कांग्रेसी सरकारों ने उसकी अनदेखी की; परंतु आज शिंदे-फडणवीस सरकार ने शिवप्रेमियों का आत्मीय विषय तथा अनेक वर्षाें से प्रलंबित अफजलखान की कब्र के पास हुआ अवैध निर्माण गिराना आरंभ किया । अफजलखान वध के अर्थात ‘शिवप्रतापदिन’ के उपलक्ष्य में महाराष्ट्र सरकार ने यह अवैध निर्माण गिराना आरंभ किया, इस निर्णय के लिए हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से सरकार का मन:पूर्वक अभिनंदन ! जिस प्रकार छत्रपति शिवाजी महाराज ने अत्याचारी अफजलखान की आंतडियां बाहर निकालकर महापराक्रम दिखाया, उसी प्रकार से महाराष्ट्र की सरकार ने छत्रपति शिवाजी महाराज का पराक्रम दबानेवाले तथा अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण करनेवाले अवैध निर्माणों की ‘आंतडियां बाहर निकाली हैं’ । अब इसी स्थान पर भव्य ‘शिवप्रताप स्मारक’ का निर्माण किया जाए तथा इस पराक्रम का इतिहास सामने लाने के लिए प्रयास किए जाए । हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र संगठक सुनील घनवट ने यह मांग की है ।
छत्रपति शिवाजी महाराज के सभी गढ-किले अतिक्रमणमुक्त करें !
छत्रपति शिवाजी महाराज ने जहां पराक्रम किया, उस स्थान पर इस्लामी अतिक्रमण होना मुगलों का महिमामंडन तथा छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम का अपमान ही है । आज प्रतापगढ किले की तलहटी पर किया गया अवैध निर्माण गिराया जा रहा है । हिन्दू जनजागृति समिति ने यह मांग भी की है कि, इसी प्रकार से राज्य के सभी गढ-किलों पर हुए इस्लामी अतिक्रमण हटाए जाएं । हिन्दू जनजागृति समिति विगत कुछ वर्षाें से बडे स्तर पर आंदोलन एवं जागृति कर रही है । कोल्हापुर के विशालगढ किले पर 100 से अधिक आर्.सी.सी. पद्धति के अवैध निर्माण हुए हैं । वहां रेहानबाबा की दरगाह का भव्य स्वरूप में नए सिरे से निर्माण किया है । इसी प्रकार से पुणे के लोहगढ किले पर भी अवैध कब्र का निर्माण कर उर्स मनाया जाता है । ठाणे के मलंगगढ किले पर किया गया अतिक्रमण हो अथवा कुलाबा में बनाई गई अवैध मजार हो; जिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने राज्य की अत्याचारी इस्लामी बादशाहियां मिटाकर हिन्दवी स्वराज की स्थापना की, उनके किलों पर पुनः किए गए इस्लामी अतिक्रमण छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम का अपमान करनेवाले ही हैं; इसलिए राज्य सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम के साक्षी सभी किलों पर किए गए अतिक्रमण हटाने का अभियान हाथ में ले, सुनील घनवट ने यह मांग भी की है ।