जो इंडिया / मुंबई:
नया ट्रेंड: कोकीन अब संतरे, सेब और नाशपाती में
अब तक समुद्री और हवाई रास्तों से भारत में पहुंचने वाली कोकीन की तस्करी का नया ट्रेंड सामने आया है — फल के नाम पर ड्रग्स! न्हावा शेवा पोर्ट और APMC मार्केट में हुई छापेमारी में यह खुलासा हुआ कि दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण अमेरिकी देशों से आने वाले फलों में ब्लैक कोकीन छिपाई जा रही है।
क्या है ब्लैक कोकीन?
यह सामान्य कोकीन में कोयला, कोबाल्ट, एक्टिवेटेड कार्बन और आयरन सॉल्ट जैसे रसायन मिलाकर बनाई जाती है।
रंग: काला, जिससे यह कोयले जैसी दिखती है।
गंध: लगभग नहीं होती, जिससे पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है।
इसे कोकीन हाइड्रोक्लोराइड या कोकीन बेस भी कहा जाता है।
बड़े शहरों में होती है डिस्ट्रीब्यूशन
कोकीन का बेस निकालने के बाद इसे मुंबई, गोवा और दिल्ली जैसे मेट्रो शहरों में पहुंचाया जाता है।
इस ड्रग का उपयोग अमीर तबका, बॉलीवुड सेलेब्स और हाई-एंड पार्टीज़ में बढ़ता जा रहा है।
अब तक की बड़ी जब्ती
न्हावा शेवा पोर्ट पर वैलेंसिया संतरे की एक खेप से 198 किलो मेथामफेटामाइन और 9 किलो कोकीन जब्त की गई, जिसकी कीमत 1,476 करोड़ रुपये आंकी गई।
बोलीविया से मुंबई आई महिला से 3.2 किलो ब्लैक कोकीन बरामद हुई, जिसकी बाजार कीमत लगभग 13 करोड़ रुपये थी।
ड्रग सिंडीकेट का नेटवर्क
कोलंबिया, पेरू, ब्राज़ील और बोलिविया जैसे देश ब्लैक कोकीन के प्रमुख स्रोत हैं।
तस्करी के लिए ये ड्रग केन्या, इथोपिया जैसे देशों से होकर भारत आती है।