जो इंडिया/मुंबई। (Azad Maidan Protest Mumbai)
मुंबई के आज़ाद मैदान में मराठा आरक्षण आंदोलन (Maratha reservation movement
आंदोलन की शुरुआत दिन में हुई थी, लेकिन आधी रात के बाद भी आज़ाद मैदान में हजारों की संख्या में समर्थक मौजूद रहे। भारी बारिश और असुविधा के बावजूद लोग सड़कों, फुटपाथों और टेंटों में ठहरकर जरांगे का साथ दे रहे हैं। कई समर्थक खुले आसमान के नीचे खाना बनाते और सोते हुए नज़र आए। महिलाओं और युवाओं की भी बड़ी संख्या इस आंदोलन में देखी गई।
आधी रात को आंदोलन स्थल पर अचानक भीड़ और बढ़ गई, जब आस-पास के इलाकों से लोग बसों और निजी वाहनों में पहुँचने लगे। इसी बीच प्रशासन की ओर से सुरक्षा कड़ी कर दी गई। पुलिस ने पूरे मैदान और आसपास के इलाकों में अतिरिक्त बंदोबस्त किए हैं, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
मनोज जरांगे ने सरकार को साफ संदेश दिया है कि जब तक मराठा समाज को “वैधानिक और स्थायी” आरक्षण नहीं दिया जाता, तब तक वह मुंबई नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाया, तो वे पानी तक त्याग देंगे।
आंदोलन की वजह से मुंबई की कई जगहों पर यातायात बाधित रहा। CST, मरीन लाइन्स और फोर्ट जैसे इलाकों में देर रात तक जाम की स्थिति रही। वहीं, कई कार्यक्रमों और आयोजनों को रद्द करना पड़ा।
राजनीतिक गलियारों में भी इस आंदोलन को लेकर हलचल बढ़ गई है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हालात की समीक्षा की है, जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार भी चर्चा के लिए जुटने वाले हैं। माना जा रहा है कि अगले 24 घंटों में सरकार आंदोलनकारियों को मनाने की कोशिश करेगी।
फिलहाल, आधी रात का सन्नाटा भी आज़ाद मैदान में गूँज रहे “मराठा आरक्षण हक्काचा” नारों से टूटा हुआ है। जरांगे और उनके समर्थक पीछे हटने को तैयार नहीं हैं, और महाराष्ट्र की राजनीति इस आंदोलन से पूरी तरह हिल गई है।