जो इंडिया / मुंबई:
वडेट्टीवार का कहना है कि पांच महीने से निराधार लाभार्थियों को एक भी रुपया नहीं मिला है। डीपीडीसी फंड अब तक जारी नहीं किया गया, और ठेकेदारों को भुगतान न मिलने के कारण वे आत्महत्या करने पर मजबूर हैं।
उन्होंने दावा किया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग पर 89,000 करोड़ रुपये की बकाया राशि है। “हर घर नल” योजना के तहत लोगों को पानी देने का वादा तो किया गया, लेकिन अब सरकार के पास फंड ही नहीं है।
वडेट्टीवार ने यह भी कहा कि बार और बार बालाओं के मामलों में सरकार के कई मंत्री शामिल हैं और मुख्यमंत्री कार्रवाई करने से बच रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बार तो मंत्रियों की मां के नाम पर भी चल रहे हैं, जहाँ बार बालाएं नाच रही हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नाना पटोले की भूमिका संदेहास्पद नहीं है, लेकिन पेन ड्राइव मुख्यमंत्री को क्यों नहीं सौंपी गई, यह जरूर चर्चा का विषय है।