जो इंडिया / मुंबई :
संक्रमण का डर भारी पड़ा
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह केवल वेतन की बात नहीं है, बल्कि चिकित्सकों को अस्पताल में कार्यरत रहते हुए टीबी से संक्रमित होने का डर है। हालात इतने गंभीर हैं कि साल 2000 के बाद से अस्पताल के 160 से अधिक कर्मचारी टीबी से संक्रमित हुए, जिनमें से 75 की मौत हो चुकी है।
आईसीयू के लिए डॉक्टर नहीं
शिवड़ी अस्पताल में 1000 बिस्तर हैं और सालाना 55,000 से 60,000 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू सुविधा शुरू की गई थी, लेकिन अक्टूबर 2024 में भर्ती किए गए दो डॉक्टरों में से एक तीन महीने में नौकरी छोड़ गया। मई 2025 में फिर से भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन कम ही डॉक्टर सामने आए।
एक डॉक्टर के भरोसे ICU
फिलहाल इस ICU में केवल एक डॉक्टर तैनात है, जिससे गंभीर मरीजों के इलाज में भारी परेशानी आ रही है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बाकी विभागों में स्टाफ की संख्या संतोषजनक है, लेकिन ICU के लिए आवश्यक विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं।