मिंधे गुट’ की बीकेसी में आयोजित दशहरा रैली के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए गए। एसटी महामंडल की बसों को बुक करने के लिए तकरीबन 10 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने इस संबंध में धन इकट्ठा करने वाले लोगों के नाम और उनकी आय के स्त्रोत का खुलासा करने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने एसटी महामंडल को पत्र लिखा है।
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अंबादास दानवे के मुताबिक ईडी ने शिवसेना सांसद संजय राऊत के घर से 11 लाख रुपये की राशि मिलने के बाद उनसे पूछताछ की। दानवे ने एसटी महामंडल को लिखे पत्र में उन व्यक्तियों की आय के स्रोत और पहचान का खुलासा करने को कहा है और साथ पूछा है कि क्या वे रुपये देनेवाले व्यक्ति की जांच करेंगे। शिंदे गुट द्वारा आयोजित दशहरा रैली के लिए राज्य से 1795 एसटी की विशेष बसें बुक की गईं। इन बसों को आरक्षित करने के बाद 3 अक्टूबर को मुंबई बस डिपो को 9 करोड़ 99 लाख 40 हजार 500 रुपये का नकद भुगतान किया गया। दरअसल इस रैली के लिए 1795 बसों में से 1625 बसों का इस्तेमाल किया गया। शेष 170 बसों के लिए भुगतान किया गया पैसा एसटी महामंडल किसको लौटाएगा? यदि कोई आम व्यक्ति बैंक में 50 हजार से अधिक का भुगतान करना चाहता है, तो उसे एक आधिकारिक पहचान पत्र प्रस्तुत करना होता है। फिर क्या एसटी महामंडल ने इतनी बड़ी राशि का भुगतान करते हुए उस व्यक्ति से पूछताछ की?
दानवे ने पत्र में पूछा है कि क्या आरक्षित बसों को अन्य डिपो से मंगवाया गया था? दानवे ने सवाल उठाया कि महामंडल द्वारा अन्य डिपो से बसें उपलब्ध कराने में कितने किलोमीटर की बर्बादी हुई और क्या उक्त बर्बाद किलोमीटर की राशि का भुगतान पार्टी द्वारा किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिंदे गुट की दशहरा रैली के लिए एसटी महामंडल द्वारा विशेष बस सेवा परिपत्र का उल्लंघन किया गया है।
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