Joindia
कल्याणक्राइमठाणेदेश-दुनियामुंबई

kidnapping of CA: मुंबई में सीए का अपहरण,चार गिरफ्तार

Advertisement
Advertisement

मुंबई। बिहार(Bihar)ओर उत्तर प्रदेश(Uttarpradesh) अपहरण के मामले मे सबसे आगे रहा है पिछले वर्ष सिर्फ उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 16264 किडनैपिंग केस दर्ज हुए थे। जब की बिहार मे 10 हजार केस दर्ज थे। इसके लिए बिहार ओर उत्तर प्रदेश अपहरण के मामले मे सबसे आगे है लेकिन अब मुंबई मे भी अपहरण का कारोबार शुरू हो गया है। इसका ताजा उदाहरण मुंबई के पवई मे सामने आया है। पिछले सप्ताह घर के कार्यालय के लिए निकले सीए को चार लोगों ने अपहरण कर लिया है। इस मामले मे अपहरणकर्ताओ द्वारा पैसे की डिमांड की गई तब पुलिस हरकत मे आई ओर आरोपीयो को गिरफ्तार करते हुए सीए को मुक्त कराया गया है।

अपहरण की बात करें तो 2022 में भी सबसे ज्यादा केस यूपी में दर्ज हुए। उत्तर प्रदेश में पिछले साल 16264 किडनैपिंग केस दर्ज हुए और अपहरण के मामलों में यूपी का क्राइम रेट 6.9 रहा। आंकड़ों के अनुसार हालांकि हत्या की दर (प्रति लाख जनसंख्या) झारखंड में सबसे अधिक 4.1 (1,573 मामले) थी, इसके बाद अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में चार (16 मामले) थी। दिल्ली में हत्या के लिए अपराध दर 2.2 थी। देश में 2021 में अपहरण के 1,01,707 मामले दर्ज किए और 2020 की तुलना में इनमें 19.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। आंकड़ों के अनुसार 2021 में जिन पांच राज्यों में अपहरण के सबसे अधिक मामले सामने आये उनमें उत्तर प्रदेश (14,554 मामले), बिहार (10,198 मामले), महाराष्ट्र (10,198 मामले), मध्य प्रदेश (2,034 मामले) और पश्चिम बंगाल (1,884 मामले) शामिल हैं।एनसीआरबी के अनुसार, दिल्ली में 26.7 की दर से अपहरण 5,527 मामले दर्ज किए गए, जो देश में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक दर है।इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा शासित राज्यों मे किडनैपिंग के मामले सबसे अधिक है। पहले बिहार मे जंगलराज था दिँदाहड़े लोगों का अपहरण कर हत्या कर दिया जाता था। लेकिन अब इसमे महाराष्ट्र भी आगे निकलने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए भाजपा शासित सरकार जिम्मेदार है।

हत्याओं के मामले में यूपी और बिहार टॉप पर

अपहरण के बाद जिन पांच राज्यों में हत्या के सबसे अधिक मामले सामने आये हैं, उनमें उत्तर प्रदेश (3,717 मामले), बिहार (2,799 मामले), महाराष्ट्र (2,330 मामले) , मध्य प्रदेश (2,034 मामले) और पश्चिम बंगाल (1,884 मामले) शामिल हैं।एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 459 मामले दर्ज किए गए जो 478 लोगों की हत्या से संबंधित थे। वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2021 के दौरान हत्या के 9,765 मामलों में कारण ‘विवाद’ था। इसके बाद 3,782 मामलों का कारण ‘व्यक्तिगत प्रतिशोध या दुश्मनी’ थी और 1,692 मामलों में हत्या का कारण आर्थिक लाभ उठाना था।

Advertisement

Related posts

जांच में खुला जहरीले पटाखों की पोल, स्वास्थ के लिए खतरनाक , सरकार को लिखा पत्र

Deepak dubey

गणपति मूर्ति आगमन के दौरान एक व्यक्ति ने किया हंगामा ,लोगों ने किया विरोध, गिरफ्तार

Deepak dubey

sushant singh rajput death mystery: दिशा और सुशांत की मौत को लेकर आदित्य ठाकरे की करे जांच , मुंबई  हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर

Deepak dubey

Leave a Comment