मुंबई। केंद्रीय बजट 2025 ( Union Budget 2025-26 ) में मुंबई को लगभग ₹३,000 करोड़ की योजनाओं का आवंटन किए जाने पर मुंबईकरों ने केंद्र सरकार पर तीखी आलोचना की है। मुंबई, जो देश के कुल कर का लगभग एक तिहाई हिस्सा वसूलती है, को इस साल केवल ₹३,000 करोड़ की योजनाओं के रूप में ‘भीख’ दी गई है।
केंद्र सरकार (central government) को प्रत्यक्ष रूप से ₹५ लाख करोड़ और अप्रत्यक्ष रूप से ₹१३ से ₹१५ लाख करोड़ का कर देने वाली मुंबई को इस वर्ष बजट में बेहद कम निधि मिली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) द्वारा प्रस्तुत इस बजट में मुंबई के लिए प्रमुख योजनाओं के तहत ₹1,673.41 करोड़ मुंबई मेट्रो के लिए, ₹652.52 करोड़ इंटीग्रेटेड ग्रीन अर्बन मोबिलिटी प्रोजेक्ट के लिए, और ₹1,094.58 करोड़ आर्थिक क्लस्टर कनेक्टिविटी के लिए आवंटित किए गए हैं।
मुंबई के नागरिकों का कहना है कि, जब यह शहर देश की आर्थिक राजधानी है और केंद्र सरकार को भारी कर देती है, तो केंद्र से उसे अपेक्षाकृत अधिक विकास निधि मिलनी चाहिए थी। हालांकि भाजपा नेताओं का कहना है कि मुंबई को अप्रत्यक्ष रूप से और भी अधिक निधि मिलेगी, लेकिन इससे पूरी तरह लाभ नहीं मिलने की संभावना जताई जा रही है।
मुंबई के लोग केंद्र सरकार से अधिक विकास योजनाओं की उम्मीद करते हैं, क्योंकि मुंबई के महत्व को देखते हुए यहाँ के नागरिकों का मानना है कि यह शहर अधिक धन का हकदार है।
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