राज्य में लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा (hanuman chalisa) को लेकर कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वाले नवहिन्दुत्ववादियों( navhindutvavadi) पर तीखा प्रहार करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (cm uddhav thakarey) ने कहा कि घन्टाधारी लोग हमें हिंदुत्व सिखाने के प्रयास न करें, हमारा हिंदुत्व गदाधारी हिंदुत्व है। उन्होंने चालीसा पर गंदी राजनीति करने वालों को चेताते हुए कहा कि यदि तुम्हे हनुमान चालीसा पढ़ना है तो जरूर आओ, मेरे घर आओ, तुम्हारा स्वागत है। लेकिन यदि दादागिरी कर जबरदस्ती करोगे तो बर्दास्त नहीं किया जाएगा। हम बहुत अच्छे से जानते हैं कि इसे कैसे ठीक करना है। विपक्ष को करार जवाब देते हुए कहा कि यदि तुम हमसे टकराओगे तो हनुमान स्त्रोत की भीमरूप महारुद्रकाय शिवसेना तुम्हें सबक सिखाने में पीछे नहीं हटेगी। कोलाबा बेस्ट डिपो में नेशनल मोबिलिटी कार्ड के उद्घाटन के अवसर पर वे बोल रहे थे।
बाबरी मस्जिद गिरी तो बिल में छुप गए थे
हिंदुत्व की राजनीति करने वाली विपक्ष को फटकारते हुए उन्होंने कहा को कुछ लोग कह रहे हैं कि हमने हिंदुत्व छोड़ दिया है। हिंदुत्व छोड़ने का क्या मतलब है? हिंदुत्व धोती है क्या जब चाहा पहन लिया और जब चाहा छोड़ दिया। हमारा हिंदुत्व घंटी वाला हिंदुत्व नहीं है बल्कि गदाधारी हिंदुत्व है। जब बाबरी मस्जिद गिरी तब ये लोग कहाँ गए थे, जाकर ये लोग बिल में जा छुपे थे। आज मुझे हिंदुत्व सीखा रहे हैं। राममंदिर निर्माण का निर्णय तुम्हारी सरकार ने नहीं बल्कि कोर्ट ने दिया है। मंदिर निर्माण के लिए भी तुम हाथ फैलाते हो, ये कौन सा हिंदुत्व है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मैं एक जन सभा लूंगा और मास्क निकाल कर खुल के बोलूंगा, यह जो नकली हिंदुत्व वाले हैं इनकी खबर लेनी है। एक बार फिर, मैं सभी को बेनकाब करना चाहता हूं। ये नवहिंदू आए हैं। जो हमें हिंदुत्व सीखा रहे हैं। इन्हें इनकी जगह दिखानी हैं।
तेरी कमीज मेरी कमीज से भगवी कैसे
उन्होंने कहा कि नए हिंदुत्व वाले लोगों की दशा ऐसी ही कि तेरी कमीज मेरी कमीज से भगवी कैसे?, और यही इनके पेट मे दर्द का कारण है। आज जिनके पेट में दर्द और जलन हो रही है। उनकी एक बार तो खबर लेनी है। उन्होंने कहा कि मुंबईकर शिवसेना से प्रेम करते हैं क्योंकि शिवसेना जो वचन देती है वह पूरा करती है लेकिन कुछ लोगों को यह हजम नहीं हो रहा है। राज्य और मुंबई बेहतर काम हो रहा है। जो लोग शोर मचा रहे हैं वे बताए राज्य में क्या विकास किया है। इनके बड़बड़ाने पर भी हम इन्हें कौड़ी भर कीमत नहीं देते हैं।