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मुंबई5 घंटे पहले
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मुंबई पुलिस के नोटिस के बाद पूर्व सीएम फडणवीस मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे।
महाराष्ट्र के चर्चित ट्रांसफर पोस्टिंग केस में पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को मुंबई पुलिस ने CRPC 160 के तहत नोटिस भेजा है। मुंबई साइबर पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए रविवार सुबह 11 बजे बीकेसी ऑफिस में हाजिर होने को कहा है। मुंबई पुलिस के इस समन के बाद पूर्व सीएम, मीडिया के सामने आये और जमकर राज्य सरकार पर अपनी भड़ास निकाली।
उन्होंने कहा कि कल मैं पुलिस स्टेशन जाऊंगा, उनके हर सवालों का जवाब दूंगा। उन्होंने कहा कि मार्च 2021 मैंने महाविकास अघाड़ी सरकार में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर हुए पैसों के खेल का खुलासा किया था। इसके सबूत भी मैंने सामने रखे थे। किसने, कितने पैसे देकर अपना ट्रांसफर करवाया सभी जानकारी और इसकी रिपोर्ट मैने देश के होम सेक्रेटरी को दी थी। इसके बाद कोर्ट ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दिया। इस मामले में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख भी आरोपी है, जो अभी जेल में बंद हैं।
मुझे विशेषाधिकार हासिल है, मुझ से कोई सोर्स नहीं पूछ सकता
उन्होंने आगे कहा,’इसकी जानकारी कहां से आई, इसको लेकर ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मुझे नोटिस दिया गया है। यह नोटिस मुंबई पुलिस की और से दिया गया है। पूर्व सीएम ने कहा कि अपना घोटाला दबाने के लिए IPS रश्मि शुक्ला के ऊपर FIR दर्ज हुई है। ऑफिशियल सीक्रेट जानकारी कैसे लीक हुई है, इसके बारे में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। मैं वहां जाऊंगा, पुलिस जो भी पूछताछ करेगी मैं सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हूं। पूर्व सीएम ने यह भी कहा कि विपक्षी नेता होने के नाते मुझे यह विशेषाधिकार है कि मुझसे यह सवाल ना पूछा जाए कि मुझ तक जानकारी कहां से आई? फिर भी मैं अपनी जिम्मेदारी समझते हुए कल सुबह पुलिस के सामने हाजिर होऊंगा.’
नाना पटोले की शिकायत पर दर्ज हुई थी FIR
फोन टैपिंग मामले से जुड़ी एक FIR पिछले साल बीकेसी में भी दर्ज हुई थी। उस FIR में हालांकि, रश्मि शुक्ला का नाम नहीं था, अज्ञात व्यक्तियों का नाम लिखा था लेकिन मुंबई साइबर पुलिस स्टेशन ने रश्मि शुक्ला से पूछताछ की थी। कांग्रेस नेता नाना पटोले ने आरोप लगाया था कि उनका फोन 2016-2017 के दौरान इस बहाने टैप किया गया था कि यह नंबर ड्रग तस्करी में शामिल किसी अमजद खान का है। पटोले के अनुसार उस दौरान वह सांसद थे और उनके फोन टैप करने का कोई कारण नहीं था। यह उनके राजनीतिक करियर को नष्ट करने का प्रयास था।
फोन टैपिंग के दौरान यूज किए गए कोडनेम
पटोले ने तब यह भी आरोप लगाया था कि उनकी जानकारी में एक केंद्रीय मंत्री के पीए, एक पूर्व सांसद व कुछ अन्य लोगों के भी फोन टैप किए गए थे। तीन पन्नों की प्राथमिकी के अनुसार शुक्ला ने पटोले, तत्कालीन भाजपा विधायक आशीष देशमुख, निर्दलीय विधायक बच्चू कडू और निर्दलीय राज्यसभा सदस्य संजय काकड़े के फोन टैप करते समय कोडनेम का इस्तेमाल किया था।
किन कोडनेम का यूज
पटोले के नंबर का कोडनेम ‘अमजद खान’, काकड़े को ‘तरबेज सुतार’ और ‘अभिजीत नायर’, आशीष देशमुख को ‘रघु चोरगे’ और ‘हिना महेश सालुंके’, वहीं बच्चू कडू का नाम ‘निजामुद्दीन शेख’ रखा गया था।
हैदराबाद में तैनात हैं रश्मि शुक्ला
शुक्ला मार्च 2016 से जुलाई 2018 तक पुणे की पुलिस आयुक्त थीं और इस समय प्रतिनियुक्ति पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पद पर हैदराबाद में तैनात हैं। साल 2021 में महाराष्ट्र विधानमंडल के मॉनसून सत्र के दौरान एक सदस्य के सवाल के जवाब में वर्ष 2015 से वर्ष 2019 के बीच नेताओं के फोन की कथित गैर-कानूनी टैपिंग के आरोपों की जांच के लिए तत्कालीन डीजीपी संजय पांडेय की अध्यक्षता में समिति बनाई गई थी।
समिति ने रिपोर्ट में क्या कहा
हाल में समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया है कि पुणे में पुलिस आयुक्त रहने के दौरान रश्मि शुक्ला ने गैर-कानूनी तरीके से फोन टैप किए, इसलिए उनके और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। FIR ऐसे समय में आई है जब केंद्रीय एजेंसियों ने एमवीए सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है।
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