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तेंदुए की दहशत: पुणे के रिहायशी इलाके में मिले तेंदुए के 3 शावक, ग्रामीणों को डर- बच्चों को वापस लेने आई मादा कर सकती है हमला

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पुणे12 घंटे पहले

कॉपी लिंकघटना आंबेगाव के वालटी गांव की है। माना जा रहा है कि मादा बच्चों को जन्म देने के बाद उनके लिए खाने के इंतजाम करने गई थी। - Dainik Bhaskar

घटना आंबेगाव के वालटी गांव की है। माना जा रहा है कि मादा बच्चों को जन्म देने के बाद उनके लिए खाने के इंतजाम करने गई थी।

पुणे के ग्रामीण रिहायशी इलाके में गुरुवार सुबह तेंदुए के 3 शावक मिलने के बाद से लोग दहशत में हैं। हालांकि, वन विभाग के लोग उन्हें अपने साथ ले गए हैं, इसके बावजूद स्थानीय लोगों का कहना है कि मादा तेंदुआ कभी भी उनके गांव पर हमला कर सकती है। बरामद हुए शावकों की उम्र 5 से 6 दिन की बताई जा रही है। मावल वन विभाग की टीम फिलहाल इन्हें स्थानीय पशु चिकित्सालय में इलाज के लिए ले गई है।

जानकारी के मुताबिक, घटना आंबेगाव के वालटी गांव की है। माना जा रहा है कि मादा बच्चों को जन्म देने के बाद उनके लिए खाने के इंतजाम करने गई थी। गुरुवार सुबह पंढरीनाथ नामदेव लोंढे नाम के किसान ने उसे देखा और पहले सरपंच फिर वन विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी है। पंढरीनाथ अपने खेत में गन्ने की कटाई के लिए गए थे, इसी दाैरान उन्हें यह शावक एक साथ मिले।

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, शावकों की हालत ठीक है। फिलहाल उन्हें निगरानी में रखा गया है।

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, शावकों की हालत ठीक है। फिलहाल उन्हें निगरानी में रखा गया है।

पूरी तरह फिट हैं तीनों शावकपंढरीनाथ नामदेव लोंढे ने बताया कि उनके फोन करने के एक घंटे के भीतर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे शावकों को अपने साथ उपचार के लिए ले गए। अधिकारियों ने बाताया कि बच्चे बिलकुल स्वस्थ हैं। कुछ दिनो पहले ही इनका जन्म हुआ है। एक शावक का वजन लगभग एक किलो है। जल्द ही इनको इनके मां के पास छोड़ दिया जाएगा।

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