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जारी है ऑपरेशन गंगा: 182 भारतीयों को लेकर रोमानिया से कुवैत होते हुए मुंबई पहुंचा विमान, अपनों से मिल फूट-फूट कर रोए परिजन

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मुंबईएक दिन पहले

कॉपी लिंकमुंबई एयरपोर्ट से बाहर आये बच्चों को देख उनके गले से लिपट फूट-फूट कर रोये परिजन। - Dainik Bhaskar

मुंबई एयरपोर्ट से बाहर आये बच्चों को देख उनके गले से लिपट फूट-फूट कर रोये परिजन।

एयर इंडिया का एक और विमान यूक्रेन में फंसे 182 भारतीय नागरिकों को रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से लेकर मंगलवार सुबह मुंबई पहुंचा। इसमें से ज्यादातर छात्र थे। कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान बुखारेस्ट से कुवैत होते हुए सबह 7 बजकर 40 मिनट पर मुंबई पहुंचा। 182 यात्रियों में से लगभग 25 महाराष्ट्र से, 38 हरियाणा से, 34 उत्तर प्रदेश से, 10 गुजरात से और शेष 75 देश के बाकी हिस्सों से थे। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने विमान के अंदर छात्रों से बात की है।

रोमानिया से प्लेन से आये ज्यादातर छात्र कीव शहर में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। रूस के हमले के बाद सभी छात्र रोमानिया सेफ प्लेस में पहुंचे और फिर वहां से प्लेन के जरिए यहां आये हैं। छात्रों से मिलने के लिए उनके परिजन सुबह से ही एयरपोर्ट के बाहर उनका इंतजार कर रहे थे। बच्चों से मिलते ही वे उनके गले लग फूट-फूट कर रोने लगे।

नारायण राणे छात्रों से मिलने के लिए सुबह से ही मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे हुए थे।

नारायण राणे छात्रों से मिलने के लिए सुबह से ही मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे हुए थे।

छात्रों से मिलने पहुंचे नारायण राणेकेंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने मुंबई हवाई अड्डे पर भारतीय छात्रों का स्वागत किया है। वहीं एक भारतीय छात्र ने जानकारी दी है कि ऑपरेशन गंगा की ठवीं उड़ान भी बुडापेस्ट से दिल्ली के लिए रवाना हो गई है। छात्र ने कहा कि यह एक सहज प्रक्रिया थी। हम यूक्रेन से हंगरी निकालने के लिए भारतीय दूतावास और सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं। वे हमें सकुशल घर वापस लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

सोमवार को मुंबई से गया था यह विमानयूक्रेन से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए विमान सोमवार को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (सीएसएमआईए) से बुखारेस्ट के लिए रवाना हुआ था। भारत रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद युद्धग्रस्त देश में फंसे अपने नागरिकों को 27 फरवरी से रोमानिया और हंगरी के रास्ते स्वदेश रहा है। रोमानिया और हंगरी यूक्रेन के पड़ोसी देश हैं। बुखारेस्ट से मुंबई पहुंचा यह दूसरा निकासी विमान है।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को लेकर हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से रवाना हो गए हैं।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को लेकर हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से रवाना हो गए हैं।

वायुसेना भी करेगी भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट

रूस-यूक्रेन की वर्तमान स्थिति की बात करें तो दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। इन सब के बीच अन्य देशों के नागरिकों के लिए भी खतरा बढ़ गया है। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने भी कमर कस ली है। ताजा जानकारी के मुताबिक भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट कराने के लिए एयरफोर्स के कई C-17 विमानों की सहायता ली जाएगी। सूत्रों के अनुसार ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय नागरिकों के निकासी अभियान को और तेज करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी खुद भारतीय वायु सेना को इस ऑपरेशन से जुड़ने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वायु सेना के हवाई जहाज़ों के जुड़ने से भारतीयों के लौटने की प्रक्रिया गति पकड़ेगी, और उनकी संख्या में भी वृद्धि होगी। साथ ही साथ, भारत से भेजी जा रही राहत सामग्री भी और तेजी से पहुंचेगी। बताया जा रहा है कि भारतीय वायु सेना के कई C-17 विमान आज से ही ऑपरेशन गंगा के तहत उड़ान भर सकते हैं।

आज जो बच्चे मुंबई पहुंचे हैं, उनमें से कई बिहार से हैं।

आज जो बच्चे मुंबई पहुंचे हैं, उनमें से कई बिहार से हैं।

क्या है ऑपरेशन गंगा?2015 में यमन के भीतर संघर्ष शुरू हुआ तो ‘ऑपरेशन राहत’ चलाया गया। 2015 नेपाल भूकंप के बाद भारत ने मदद के लिए ‘ऑपरेशन मैत्री’ चलाया। कोविड महामारी की शुरुआत में विदेश में फंसे नागरिकों को लाने के लिए ‘वंदे भारत मिशन’ शुरू किया गया था। अब यूक्रेन संकट के समय ‘ऑपरेशन गंगा’ लॉन्‍च हुआ है। सरकार ने यही नाम क्‍यों चुना? इसका संकेत रेल मंत्री पीयूष गोयल के एक ट्वीट से मिलता है।जब यूक्रेन से भारतीय छात्रों को लेकर पहली फ्लाइट दिल्‍ली पहुंची तो अगवानी के लिए गोयल खुद मौजूद थे। उन्‍होंने तस्‍वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मां अपने बच्‍चों को संकट में कभी नहीं छोड़ती।’

यूक्रेन में फंसे ज्‍यादातर भारतीय वहां पढ़ाई करने गए थे। गंगा को भारत में मां का दर्जा मिला हुआ है। ‘ऑपरेशन गंगा’ नाम देकर सरकार यह जाहिर करना चाहती है कि भारतीय कहीं भी फंसे हों, उनकी मातृभूमि उन्‍हें अकेला नहीं छोड़ेगी। कुछ ऐसा ही संदेश सुषमा स्‍वराज के समय दिया गया था। एक वक्‍त सुषमा ने मदद की गुहार लगाने वाले से कहा था कि अगर आप मंगल ग्रह पर भी फंसे होंगे तो भारतीय दूतावास आपकी मदद करेगा।

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