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बड़ी राहत: एकेडमिक मोबिलिटी को एनएमसी की मंजूरी यूक्रेन से लौटे मेडिकल विद्यार्थी विदेश में पूरी कर सकेंगे पढ़ाई

 

नई दिल्ली.।यूक्रेन से लौटे मेडिकल विद्यार्थियों को मंगलवार को नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने राहत देते हुए उनकी एक प्रमुख मांग पूरी की। यूक्रेन से अधूरा कोर्स कर लौटे विद्यार्थी दुनिया के अन्य मेडिकल संस्थानों में पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। एनएमसी ने यूक्रेन के विश्वविद्यालयों के मोबिलिटी प्रोग्राम को मंजूरी दे दी है।

यूक्रेन से लौटे विद्यार्थियों को वहां के विश्वविद्यालयों ने पढ़ाई पूरी करने के लिए कई विकल्प दिए थे। इनमें यूक्रेन लौटने, ऑनलाइन क्लास या मोबिलिटी प्रोग्राम के तहत पढ़ाई के लिए यूरोपीय या अन्य यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई की सुविधा शामिल थी। छात्रों की मांग भारतीय विश्वविद्यालयों में समायोजन, ऑनलाइन क्लास व मोबिलिटी प्रोग्राम की मंजूरी की थी। एनएमसी ने मोबिलिटी प्रोग्राम को मंजूरी दी है। उन्हें अन्य यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई के बाद भी मूल विश्वविद्यालय की ही डिग्री मिलेगी।

सीटें 88 हजार, दावेदार लाखों
देश में एमबीबीएस की करीब 88 हजार सीटें हैं। पिछले साल करीब आठ लाख विद्यार्थियों ने नीट परीक्षा दी थी। यानी सात लाख से ज्यादा विद्यार्थी देश के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश से वंचित रहे। ऐसे विद्यार्थी हर साल डॉक्टर बनने के लिए विदेश जाते हैं।

समायोजन में दिक्कत
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर को बताया था कि भारतीय कानून के तहत विदेशी चिकित्सा संस्थान के विद्यार्थियों को भारतीय मेडिकल कॉलेजों में समायोजित या स्थानांतरित करने का प्रावधान नहीं हैं। कोर्ट के निर्देश पर एनएमसी ने उन विद्यार्थियों को विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का निर्णय किया, जिन्होंने 30 जून तक संस्थान से पाठ्यक्रम या डिग्री पूरा करने का प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया है।

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