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गाजियाबाद5 घंटे पहले
यूक्रेन में लगातार जंग के बीच अब तक छह लाख से ज्यादा लोग ये देश छोड़ चुके हैं। भारतीय छात्रों की वापसी जारी है। यह नहीं पता कि कब किसका आखिरी पल हो? ऐसे खतरनाक हालात में भी एक चीज हरेक मुश्किल पर भारी पड़ी है। वह है- प्यार। ऐसे में छात्र खुद तो लौट रहे हैं, साथ ही अपने पालतू जानवरों को लेकर भी आ रहे हैं। भारतीय वायुसेना के C-17 ग्लोबमास्टर विमानों से कई भारतीय स्टूडेंट्स अपने साथ डॉग्स और कैट्स भी लेकर आए हैं, जिन्हें वे सालों से पाल रहे थे। इन स्टूडेंट्स का कहना था कि जब अच्छे दिनों में उन्होंने एक-दूसरे को नहीं छोड़ा, तो अभी कैसे बिछड़ते?
दो बिल्लियां लेकर आई हैं केरल की स्वेताकेरल की श्वेता यूक्रेन से बैग में दो बिल्लियां लेकर आई हैं। स्वेता यूक्रेन से MBBS कर रही हैं। वे जब सुबह पौने 7 बजे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर विशेष विमान से उतरीं तो उनके हाथ में दो आकर्षक बैग थे। इन दोनों बैग में एक-एक बिल्ली रखी हुई थी। स्वेता बताती हैं कि दोनों बिल्लियों को उन्होंने शुरू से पाला। दोनों से इतना लगाव हो गया था कि वे भी साथ में बिस्तर पर सोती थीं। खाना-पीना, घूमना सब साथ होता था। ऐसे में वह दोनों बिल्लियों को कैसे छोड़कर आ सकती थीं।
सात महीने का नीला युक्ता के साथ यूक्रेन में था, वह भी भारत लौटा है।
साइबेरियन ‘नीला’ अब पुणे में रहेगापुणे की युक्ता अपने साथ 7 महीने के ‘नीला’ को लाई हैं। नीला साइबेरियन प्रजाति का डॉग है। युक्ता ने कहा कि यह सब केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह की वजह से हुआ है, जिन्होंने हमारे पैट को एयरफोर्स के विमान में लेकर जाने की इजाजत थी। वह बेहद खुश हैं कि उनके साथ ‘नीला’ घर जा रहा है। ‘नीला’ पहली बार पुणे जा रहा है। जब यह छोटा था तो उनको गिफ्ट मिला था। युक्ता का कहना है कि वह इस पैट के बिना भारत नहीं लौटना चाहती थीं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री वीके सिंह को बताया तो उन्होंने युक्ता की भावनाओं को समझा और पैट को ले जाने की इजाजत दी।
एमबीबीएस स्टूडेंट्स जाहिद अपने साथ अपने पैट्स डॉगी को लेकर आए हैं।
जाहिद बोले- डॉग मेरा दोस्त, बिना उसके लौटने का सवाल नहींयूक्रेन से लौटने वालों में जाहिद भी हैं। वे अपने साथ एक डॉग लेकर आए हैं। जाहिद का कहना था कि वहां तमाम स्टूडेंट्स के पेट्स थे, लेकिन युद्ध में जब घर वापसी की तैयारी हुई तो कई स्टूडेंट्स उनको वहीं पर छोड़ आए, लेकिन जाहिद अपने साथ अपने डॉग को लेकर आए हैं। वह कहते हैं, यह डॉग मेरा दोस्त है और बिना दोस्त के मैं वतन वापस कैसे आ सकता था।
यूक्रेन के बंकरों में साथ रही यह बिल्ली अब गौतम की फैमिली मेंबर बनेगी।
यूक्रेन से बंकर तक न छूटा साथ, पोलैंड होते हुए बिल्ली को लाए गौतमगौतम नाम के छात्र एक ग्रीन-व्हाइट रंग की बास्केट में प्यारी बिल्ली को लेकर आए हैं। गौतम बताते हैं कि यह बिल्ली उनके साथ पिछले 4 महीने से थी। युद्ध के बाद जब उन्होंने रूम छोड़ा, तब भी बिल्ली साथ रही। यहां तक की बिल्ली ने उनके साथ बंकर का सफर भी तय किया। गौतम पोलैंड के रास्ते भारत लौटे हैं और इस बिल्ली को अपने घर लेकर जा रहे हैं।
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